सॉक्रेटिस और हम

सॉक्रेटिस और मै
जहर का प्याला हाथों मे लेकर
सॉक्रेटिस बोला मुझसे
"तो क्या सच्चाई ऐसें ही।
मिट जाती है जहर के बुंदो मे ??"
मैने कहा "मिटती है या कभी बिकती है,
नोटो मे या फिर वोटो मे...."
उसने कहा, "तो क्या सच्चाई के रखवालोने बंद कर दिया धरती पर आना...??"
मै हसकर बोला " सच्चाई के रखवाले बेजूबान होकार बैठे है नोटो पर....!!"

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