माँ-बाप
माना दुनिया मेरी बीबी बच्चे हुये
मगर धरती आकाश माँ बाप हैं
चाँद ये सितारे तो अब आये हैं
मेरे जीवन की सुबह तो माँ बाप हैं
ऊँगली माँ बाप की अब पकड़ता नहीं
इसका मतलब नहीं कि बड़ा हो गया
लड़खड़ाने लगे हैं कदम और भी
जब से पैरों पे अपने खड़ा हो गया
फल बड़ा कब भला वृक्ष से हो सका
मुझ में जो भी मधुरता है माँ बाप हैं
माना दुनिया मेरी बीबी बच्चे हुये
मगर धरती आकाश माँ बाप हैं
कर्ज पीछे खड़ा फर्ज आगे खड़ा
इक चुकाना भी है इक निभाना भी है
रास्ता एक है मंजिले दो अलग
संतुलन के लिए दोनों पाना भी है
इस नये दौर की उलझनें भी नईं
हल पुरातन वही हमारे माँ बाप हैं
माना दुनिया मेरी बीबी बच्चे हुये
मगर धरती आकाश माँ बाप हैं
पीड़ा तब भी सही पीड़ा अब भी सहे
माँ मगर तुमने हमको रुलाया नहीं
उपकार आपके हैं ह्रदय में मेरे
याद सब मुझको माँ कुछ भुलाया नहीं
ईश्वर का कोई आकार ही नहीं
एक आकार मानो तो माँ बाप हैं
माना दुनिया मेरी बीबी बच्चे हुये
मगर धरती आकाश माँ बाप हैं