
मैं हूँ तेरी अंतरात्मा
फूल हो तुम,
तो मैं तेरी खुशबू ।
चांद हो तुम,
तो मैं तेरी चांदनी ।
सूरज हो तुम,
तो मैं तेरी किरण ।
दीप हो तुम,
तो मैं तेरी बाती।
दिल हो तुम,
तो मैं तेरी धड़कन ।
जिंदगी हो तुम,
तो मैं तेरी सांसे ।
दर्पण हो तुम,
तो मैं तेरी छवि ।
गीत हो तुम,
तो मैं तेरी सरगम ।
राग हो तुम,
तो मैं तेरी रागिनी ।
दर्द हो तुम,
तो मैं तेरी दवा ।
रूप हो तुम,
तो मैं तेरी परछाई ।
जहां हो तुम,
वही मैं भी हूं ।
पहचाना मुझे कौन हूँ मैं ?
मैं हूँ तेरी अंतरात्मा !