
मैं इश्क़ में हूँ!
अगर मैं कभी तुम्हें एक टक देखता रहूँ और नज़रें हटाना भूल जाऊँ,
तो बुरा मत मानना मेरी जान मैं इश्क़ में हूँ।
अगर मैं तुम्हें हर पुराने गाने के घिसे हुए बोल सुना कर पकाऊँ
तो बुरा मत मानना मेरी जान मैं इश्क़ में हूँ।
अगर मैं अपने दोस्तों से दिनभर तुम्हारी तारीफ करूँ,
पर तुम्हारे सामने सब अल्फाज़ भूल जाऊँ,
तो बुरा मत मानना मेरी जान मैं इश्क़ में हूँ।
अगर तुम्हारे लाख मना करने पर भी,
मैं फिर से तुम्हारी गली में दिख जाऊँ,
तो बुरा मत मानना मेरी जान मैं इश्क़ में हूँ।
यह जानते हुए भी कि तुम दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की हो,
किसी और के तुम्हें खूबसूरत कहने पर चिढ़ जाऊँ,
तो बुरा मत मानना मेरी जान मैं इश्क़ में हूँ।
अगर तुम्हारी सारी मजबूरियों को समझ कर,
तुम्हारे पापा की बीमारी, तुम्हारे भाई का गुस्सा,
तुम्हारे परिवार की इज्जत, इस समाज की दीवारें,
तुम्हारे लिए आए हुए मुझसे बेहतर रिश्ते के बारे में जान कर भी,
तुम्हारे साथ ही रहना चाहूँ,
तो बुरा मत मानना मेरी जान मैं इश्क़ में हूँ।