याद - इश्क के बाद
इश्क़ हुआ जबसे हमको, गजलें बहुत ही भातीं हैं
कैसे मैं बतलाऊँ तुमको याद तुम्हारी आती है।।
क्या तुम भी मुझको दोहराती हो, वक्त के बीते लम्हो से
या फाड़ दिया पन्ना तुमने उन पुस्तक रुपी सुखद क्षणों से।।
छूट गयी अब यारी अपनी, पर तू अब भी हमको भाती है
कैसे मैं बतलाऊँ तुमको याद तुम्हारी आती है।।
एग्जाम टाईम में काल करके डेली सुबह जगाना,
याद आता है मुझे तेरा वो गुस्साना
इतनी सारी बातें हैं, जितनी गिनती भी नहीं आती है
कैसे मैं बतलाऊँ तुमको याद तुम्हारी आती है।।