हे सरस्वती माँ
हे सरस्वती माँ ऐसा हो,
खूब पढ़ लिख केर होसियार हो,
विधालय हम रोज जाए,
फिर पढ़ लिख कर प्रथम श्रेणी से पास हो जाए !
कलम किताब कॉपी हो,
पढ़ने की खूब इक्छा हो,
पढ़ने के भी मान हो,
कलम किताब कॉपी के भी खान हो !
तब जानेगें की तुम भगवान हो,
नहीं तो कुछ नहीं,
और हम तुम से खुश नहीं !