गर्व से कहो मैं हूँ बिहार का

यह कहानी है बिहार के रहने वाले एक युवक मनोज की । मनोज था तो बिहार का पर बचपन से ही वह अपने माता -पिता के साथ दिल्ली में रहता था । यूं तो मनोज के माता -पिता के पास जमीन जायदाद की कमी नहीं थी, पर पारिवारिक समस्याओं और कलह से तंग आकर वे दिल्ली में किराए के मकान में रहने लगे थे । मनोज दिल्ली में ही रहकर बड़ा हुआ था । यही उसने अपनी शिक्षा की पूरी की थी । मनोज ने बचपन से ही देखा था कि जब भी कोई बुरा काम करता तो मकान मालिक कहता कि बिहारी ने किया होगा । एक दिन एक व्यक्ति सड़क पर शराब पीकर पड़ा था । पास से दो व्यक्ति गुजर रहे थे वे आपस में बात कर रहे थे बिहारी होगा शराब पीकर पड़ा होगा । जब मनोज ने छानबीन की तो वह व्यक्ति किसी और राज्य का निकला । मनोज को इस बात पर बहुत गुस्सा आया । मनोज को यह बात बचपन से ही परेशान करती थी की जब कोई गलत करता है तो बिहारी होगा या बिहारी ने किया होगा क्यों कहा जाता है । पर इसका कोई जवाब उसे नहीं मिल सका । मनोज के दिल में अपनी मातृभूमि बिहार के प्रति बचपन से ही लगाव था । कोई भी व्यक्ति बिहार के बारे में बुरा भला कहता तो उसे अच्छा नहीं लगता था । पर वह कुछ बोल भी नहीं पाता था । गर्मी की छुट्टियों में जब मनोज अपने मम्मी-पापा के साथ गांव जाता तो उसे वहां बहुत अच्छा लगता था । उसका दिल करता था कि वह यहीं रह जाए। पर उसे अपने मम्मी- पापा के साथ दिल्ली वापस लौटना पड़ता था । वह बहुत उदास और दुखी हो जाता । पर कुछ कर नहीं पाता । उसे अपने भाई बहनों को छोड़कर वापिस लौटना पड़ता।
 

मनोज जब स्कूल में था तब उसने बिहार के दूसरे छात्रों की उपेक्षा होते देखा था । पर उसकी अपेक्षा ना होने का कारण उसका कक्षा में प्रथम आना और एक होनहार छात्र होना था । धीरे-धीरे समय बीता गया और मनोज युवा हो चुका था । वह अपनी स्नातक की डिग्री प्रथम श्रेणी से प्राप्त कर चुका था । आज मनोज बहुत खुश था उसे एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी मिल गई थी । आज उसका कंपनी में पहला दिन था मनोज जब कंपनी पहुंचा तो उसका स्वागत फूलों की माला से किया गया । वह बहुत खुश हुआ । फिर एक सहकर्मी ने उससे पूछा कि आप कहां के रहने वाले हैं । मनोज ने सकपकाते हुए कहा दिल्ली का । बाद में मनोज को बहुत अफसोस हुआ कि उसे बिहार ही कहना चाहिए था । उसका मन आत्मग्लानि से भर उठा । वह अपने किए पर बहुत शर्मिंदा था ।
 

मनोज ने मन ही मन सोचा अकसर बिहार के लोग खुद को बिहार का बताने से कतराते हैं । वे सोचते हैं कि अगर वे खुद को बिहार का बताएगें तो लोग उनकी उपेक्षा करने लगेगें । घबराहट में वे स्वयं को किसी और राज्य का बताने लगते हैं । इसका कारण बिहार का एक पिछड़ा राज्य होना और वहां की लचर शिक्षा व्यवस्था है । यद्यपि बिहार एक पिछड़ा राज्य है ; किंतु इसका इतिहास गौरवमय रहा है । जिस पर बिहार के लोगों को गर्व महसूस करना चाहिए। नालंदा विश्वविद्यालय जहां विश्व भर से विद्यार्थी पढ़ने के लिए आते थे ; वह बिहार में ही है । इसका वर्णन चीन के यात्रियों हेनसांग और फाह्यान ने भी अपनी पुस्तकों में किया है । अतः प्राचीन काल में बिहार विश्व भर के लिए शिक्षा का केंद्र था । मौर्य वंश की राजधानी पाटलिपुत्र कोई और नहीं बिहार की राजधानी पटना ही थी । महर्षि वाल्मीकि ने जहां पर रामायण की रचना की वह मिथिला क्षेत्र बिहार में है । बिहार की मधुबनी चित्रकारी तो पूरे विश्व में प्रसिद्ध है । भगवान बुद्ध ने जहां पर आत्मज्ञान की प्राप्ति की वह बोधगया भी बिहार में ही है । हमारे देश के पहले राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद भी बिहार के ही थे । गांधी जी ने स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत बिहार के चौरा- चौरी से की थी ।बिहार वो राज्य है जिसने आज़ादी के समय भारत छोड़ो आन्दोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अमूल्य धरोहर गोलघर बिहार में ही है ।बिहार का प्राचीन इतिहास कई धर्मों से जुड़ा है । बिहार का सीतामढ़ी जिला माता सीता का जन्म स्थान रहा है । बौद्ध धर्म बिहार के गया जिला से जुड़ा है । जैन धर्म के संस्थापक भगवान महावीर का जन्म स्थल बिहार की मौजूदा राजधानी पटना है । सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह का जन्म भी बिहार में ही हुआ । बिहार की पावन भूमि पर अनेकानेक संतो का जन्म हुआ, जब दुनिया के बाकी हिस्सों में लोग पढ़ना लिखना नहीं जानते थे उस समय नालंदा बिहार में विश्वविद्यालय हुआ करता था जिसके कुलपति आर्यभट्ट थे । आर्यभट महान गणितग्य और खगोलशास्त्र के बड़े वैज्ञानिक थे। इसी पावन भूमि पर आचार्य चाणक्य हुए जिनकी लिखी अर्थशास्त्र विश्व में प्रसिद्ध है । बिहार की ही पावन भूमि पर चंद्रगुप्त मौर्य, सम्राट अशोक, अजातशत्रु, बिम्बिसार और अन्य बहुत से महान राजाओं का जन्म हुआ । भारत के राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर बिहार के ही थे जो भारत रत्न अवार्ड से सम्मानित किए गए । प्रसिद्ध शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खान बिहार राज्य के ही है । अगर बात करें बॉलीवुड इंडस्ट्री की तो सुशांत सिंह राजपूत,शत्रुघ्न सिन्हा, सोनाक्षी सिन्हा बिहार राज्य की ही है और दुनिया की जानी-मानी एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा का भी जन्म बिहार के जमशेदपुर में ही हुआ था हालांकि अब यह झारखंड के अंदर चला गया है ।अगर बात की जाए फेमस फूड लिट्टी चोखा की तो वह भी बिहार का है। बिहार में भाषाओं भी की भरमार है। अंगिका, भोजपुरी, मगही, मैथिली और वज्जिका; ये सब भाषाएँ केवल बिहार की ही हैं। अंग्रेजी, हिन्दी और मैथिली यहां की राजभाषा है।बिहार वो राज्य जहां कवि कोकिल विद्यापति का जन्म हुआ। आज भी भारत के सबसे ज्यादा आईएस बिहार से ही निकलते हैं । कितना गौरवपूर्ण इतिहास रहा है बिहार का ! किसी भी क्षेत्र में बिहार पीछे नहीं रहा है ।आज वहां की सामाजिक ,राजनीतिक और शिक्षा व्यवस्था अच्छी नहीं है ; सिर्फ इन कारणों से इस राज्य की और वहां के लोगों की अपेक्षा करना उचित नहीं है । जिस प्रकार शरीर का हर अंग महत्वपूर्ण होता है और किसी की भी हानी के कारण जीना कठिन हो जाता है उसी प्रकार हमारे देश का प्रत्येक राज्य चाहे वह कैसा भी हो हमारे देश का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और अभिनय अंग है ।
 

मनोज ने निश्चय किया की आज के बाद वह स्वयं को बिहार का कहने से नहीं रोकेगा और यदि कोई बिहार का मजाक उड़ाता है तो वह बिहार के गौरवपूर्ण इतिहास से उसे अवगत कराएगा और गर्व से कहेगा मैं हूं बिहार का !

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