वियोग Vimal Kant Pandey
वियोग
Vimal Kant Pandeyप्रीत निभाई होती तुमने भी तो
विरह-वेदना का भागीदार तू भी होता
दीवारों से मिलकर अकेला
हर रात यूँ ना मै रोता
प्रीत निभाई होती तुमने भी तो |
नयनों से बहती अश्रु धारों का
हृदय मे धधकते अगाँरो का
बोझिल उदास मन मेरा
दोष तुझे ना देता
प्रीत निभाई होती तुमने भी तो …….