सर्दी विनोद कुमार मीणा
सर्दी
विनोद कुमार मीणासर्दी के मौसम मे जुखाम हो गई
नाक बहते - बहते लाल हो गई।
आधा सिर भी जाम हो गया
सर्दी के मौसम मे यह वायरस आम हो गया।
शुरुआत इसने नाक से की
जाकर सिर मे बैठ गई।
जब लगे यह बैरन किसी को
लगता है श्वास की बेमारी है।
रातों की नींद तो गायब सी हो गई
श्वास लेने मे भी आफत सी हो गई।
कितनी खाएँ पेरासिटामोल, कितनी पिएँ कड़क चाय
पता नही इस बैरन की कब तक रहेगी हाय।