जग जा सलोने Deeksha Dwivedi
जग जा सलोने
Deeksha Dwivediजग जा सलोने, अब चाँद गया सोने!
तुझसे ही रोशन होंगे, जग के कोने-कोने!
सूरज देखो जल रहा है
हाए कितना तप रहा है,
आसमान तेरी ओर
टुक-टुक तक रहा है
उठ खेल साथ मेरे, कह रहे खिलौने
जग जा सलोने, अब चाँद गया सोने!
तेरी भोली सूरतिया पे मैं
बलि-बलि वारी,
नजरिया उतारुं तेरी
इक ना सौ बारी,
मेरे लाल पे ना चले, कोई जादू-टोने
जग जा सलोने,अब चाँद गया सोने!
मेरी खुशियों का सांचा
कल का विधाता है,
मेरे लिए लाल मेरा
राष्ट्र-निर्माता है,
तेरे दुखी होने पे, मैं भी लगूँ रोने
उठ जा सलोने, अब चाँद गया सोने!