चुनावी मेला Sachin Khandelwal
चुनावी मेला
Sachin Khandelwalमेला आया है, फिर आएगा
होंगी चौपालें सतत केन्द्र, इन चार दिनों के मेले की
और फिर पखवाड़ा आएगा
मेला आया है, फिर आएगा |
फिर से दंगल के शूरवीर, सेवक बनकर उभरेंगे
फिर से सांठ गाँठ होगी, अवसरवादी दल बदलेंगे
नव-नव आरोपों पर प्रत्यारोपों के दौर चलेंगे,
चुनावी गणित बनेगा, समीकरण बदलेंगे
जाड़े मे गर्मी और गर्मी मे जाड़ा आएगा
मेला आया है, फिर आएगा |
रैली पर रैली दस्तक देगी, रोज़-रोज़ मुलाक़ातें
मीठे-मीठे बोलों संग होंगी, लोक लुभावन बातें,
योग्य पुरुष निर्दलीय होंगे, दल मे रिश्ते-नाते
धन-बल का प्रभाव बढ़ेगा, फीके पड़े इरादे
और अंत मे जनमत आएगा
मेला आया है, फिर आएगा |