विवाह Sachin Khandelwal
विवाह
Sachin Khandelwalअधिकारों का दमन नहीं, आत्मा का समर्पण है यह
स्वच्छन्दता पर रोक नहीं, जीवन का अभिनंदन है यह
ग्रह-क्लेश का मूल ना समझो, गृहस्थी का प्रबंधन है यह
विरह-व्यथा का पूर्व ना समझो , जनम-जनम का बंधन है यह
उमर सरकता बोझ ना मानो, यौवन का आलिंगन है यह
निर्भरता की ठौर ना जानो, नीरसता में अवलंबन है यह
यह विवाह है,
मात्र एक रीति नहीं, दो उद्गमों का पवित्र संगम है यह