और चाहिए भी क्या SONIT BOPCHE
और चाहिए भी क्या
SONIT BOPCHEचाँद, रात, तेरी बात, और चाहिए भी क्या
संग तेरे अब हयात, और चाहिए भी क्या
फूल शर्मशार हैं, तितलियाँ बीमार हैं
आज ऐसा हुस्न साथ, और चाहिए भी क्या
इक नज़र यूँ फेरकर, हाय मारा घेरकर
हाय इतनी इल्तिफ़ात, और चाहिए भी क्या
कह सके न हम तो क्या, खुश हैं थोड़ा गम तो क्या
इश्क़ की यही सिफ़ात, और चाहिए भी क्या
कल मिरि मजार पर, बज़्म कुछ हज़ार पर
बस हयात तेरे बाद, और चाहिए भी क्या
