कोशिश रोशन "अनुनाद"
कोशिश
रोशन "अनुनाद"नन्हा बालक,
हाथ-पैर मारता,
इधर-उधर पलटता,
गर्दन उठाता,व्यर्थ,
सिर के बोझ से,
सिर के बल गिरता,
रोने लगता।
फिर पलटता,
कोशिश करता,
सिर उठाता।
बार-बार दोहराता,
यही कोशिश,
पर सारी कोशिश,
निष्फल लगती,
बेकार लगती,
यही कोशिश,
एक दिन दिखाई पड़ती,
अचानक कितनी बड़ी,
कितनी सार्थक,
जब अचानक,
वह नन्हा,
उठकर चलने लगता,
उसके कितने प्रयास,
असफल प्रयास,
उसे याद नहीं,
गिरा कितनी बार,
उलटते,पलटते,
उसका यह सफल प्रयास,
सीख देता,
असफलता से न डरने की,
निरंतर कोशिश करने की,
जिसमे सफलता अवश्यम्भावी है।