मेरी परिणीता Deepak
मेरी परिणीता
Deepakमैं जब-जब भी हारा हूँ,
तब-तब तूने मुझको जीता है।
तू ही मेरी वेद-वंदना,
तू ही मेरी गीता है।
जब भी जग में था मैं अकेला,
बस तूने मेरा साथ दिया।
मैं तेरा प्रियवर-प्रीतम हूँ,
तू मेरी परिणीता है।