असलियत Rishabh S Sthapak
असलियत
Rishabh S Sthapakदुविधाओं से घिरा हुआ
आंखों को मलता हुआ धीरे-धीरे जागता हुआ खुद को भारतीय करार करता हूँ
अपने जीवन मे एक मुद्दे पर दो राय रखता हूँ
जब मैं आदमी हूँ तो अपने घर की
नारी को अबला एवं कल्पनाओ में उसे सबला करार करता हूँ
पिता हूँ तो अपने पुत्र के प्रतीक पर निरीह को बलि का पात्र करार करता हूँ
नेता हूँ तो किसान की आत्महत्या पर उसे कायर एवं आंदोलन पर नौटंकी करार करार हूँ
विपक्ष में होता हूँ तो भटका युवा और सत्ता में आकर पत्थरबाज करार करता हूँ
पार्टी को आज़ादी अजान को शोर करार करता हूँ
अपनी गलती को नादानी और दूसरे की गलती को गुनाह करार करता हूँ
ऐसी ही कुछ अनकही बातों को भावनाओं का लिहाज करार करता हूँ
असलियत छिपाया हुआ हिंदुस्तानी हूँ दोस्तों
आज देश को "भारत" कल से "इंडिया" करार करता हूँ