होली Arjit Pandey
होली
Arjit Pandeyफागुनी होली के रंग
खेले श्याम राधा के संग
उड़े गुलाल झूमते ग्वाल
बाजे ढोल ताश मृदंग
गोपियाँ गाएँ पावन गीत
मुख से निकले मधुर संगीत
फैला प्रेम हर्षोउल्लास
महकते कमल, चमेली, पलाश
कलयुग की होली अजीब
नशे में डूबे चिराग,सन्दीप
मस्ती में सब भूले संस्कार
व्यर्थ जताते अपना अधिकार
होलिका दहन बुराइयों पर जीत
बात को समझो मेरे मीत
रंग सिखाते मिलजुल रहना
आओ देखे अखण्ड भारत का सपना