टूट गया हूँ आज Deepak
टूट गया हूँ आज
Deepakज़रा-ज़रा सा टूटा मैं अंदर से,
ना जाने कब मैं जुड़ पाऊँगा।
पंख भी घायल की हैं,
न जाने कब मैं उड़ पाऊँगा।
तुम मेरा ज़रा साथ तो दो,
मैं इस जग से भी लड़ जाऊँगा।
गर इस जन्म में मुकम्मल न हुआ मिलना,
तो अगले जन्म में फिर लौट कर आऊँगा।