मेरा प्यारा-न्यारा भारत शशांक दुबे
मेरा प्यारा-न्यारा भारत
शशांक दुबेन हिंदू बुरा होता है, न ही इस्लाम बुरा होता है।
बुरी तो होती है बुराई, कब इंसान बुरा होता है ।।
न आदाब बुरा होता है, न प्रणाम बुरा होता है।
बुरी तो होती है बुराई, कब इंसान बुरा होता है ।।
न गांधी बुरा होता है, न कलाम बुरा होता है।
बुरी तो होती है बुराई, कब इंसान बुरा होता है ।।
पैदाइशी तो नेक, होता है आदमी।
बुराई की संगत का फिर परिणाम बुरा होता है।।
बुरी तो होती है बुराई, कब इंसान बुरा होता है ।।