मेरे खातिर TANUJ SHARMA
मेरे खातिर
TANUJ SHARMAमेरे खातिर तुम्हारा भी, यहाँ होना ज़रूरी था,
सभी का है हमारा भी, जहाँ होना ज़रूरी था।
अक्सर यूँ लोग कहते हैं, मेरे सीने मे पत्थर हैं,
देते जवाबों में, तुम्हारा भी, वहाँ होना ज़रूरी था।।
बरसात के बादल का, बरसना भी ज़रूरी था,
सभी का है हमारा भी, गिरना ज़रूरी था।
जहाँ सब लोग कहते हैं, मुझे उठना नहीं आता,
उन्ही की आँखों के नीचे से- हमारा भी उठना ज़रूरी था।।
तेरे हाथों के तकिये पर, मेरा सोना ज़रूरी था,
सभी का है, हमारा भी खोना ज़रूरी था।
यहाँ सब लोग कहते हैं, मैं ख्वाबों में जीता हूँ
उन्ही से तर करने को, तुम्हारे दिल का कोना ज़रूरी था।।
मोहब्बत की राहों पर, चलना ज़रूरी था,
सभी का है, हमारा भी बिछड़ना ज़रूरी था।
जहाँ सब लोग कहते हैं, ये गुनाह तुम्हारा है,
मेरे सोने से पहले ही, तुम्हारा मिलना ज़रूरी था।।
फूलों सी रातों में, चन्दा का होना भी ज़रूरी था,
सभी का है, हमारा भी खिलना ज़रूरी था।
जहाँ सब लोग कहते हैं, ये चन्दा कौन है आखिर?
उन्ही को यूँ सब बताने को, लिखना ज़रूरी था।।