अच्छा लगता है  Shardendu Mohan shukla

अच्छा लगता है

Shardendu Mohan shukla

जब तुम नज़रों से नज़रें मिलाती हो,
यूँ ही मुझे देखकर मुस्कुराती हो,
बस जान लो तुम, मुझे अच्छा लगता है...!!
 

तेरा बेवजह हमें सताना,
तेरा बच्चों की तरह रूठ जाना,
बस जान लो तुम, मुझे अच्छा लगता है...!!
 

जब तेरी सांसें मुझे छू लेती हैं,
तू अपनी बाहों के आगोश में ले लेती है,
बस जान लो तुम, मुझे अच्छा लगता है...!!
 

तेरी गर्दन का वो तिल,
"सिर्फ" तुम्हारी और मेरी महफिल,
बस जान लो तुम, मुझे अच्छा लगता है...!

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