मन सच्चा तो सच्ची आस्था Deeksha Dwivedi
मन सच्चा तो सच्ची आस्था
Deeksha Dwivediमन की सज्जा भी ज़रूरी है,
वहाँ झाड़ू रोज़ लगाया कर,
जीवन जो मिला बड़ा छोटा है,
ना व्यर्थ इसे तू ज़ाया कर।
दीवारों को चमकाना छोड़,
मन की दीवार को देख खुरच,
क्यों झूठ की चादर ओढ़े है,
पहचान ज़रा जीवन का सच।
तन-धन-आसन को भूल ज़रा,
तू मन को शुद्ध बनाया कर,
जीवन जो मिला बड़ा छोटा है,
ना व्यर्थ इसे तू ज़ाया कर।
कब तक दुनिया को सुधारेगा,
ज़रा खुद की सफाई भी कर ले,
कब तक मानुष से झगड़ेगा,
विकारों से लड़ाई भी कर ले।
हर मन में वास है ईश्वर का,
उस ईश को शीश झुकाया कर,
जीवन जो मिला बड़ा छोटा है,
ना व्यर्थ इसे तू ज़ाया कर।