विभेद से विशेष भारत Utkarsh Tripathi
विभेद से विशेष भारत
Utkarsh Tripathiभेद न अभेद है, सब कुछ समान है,
एक देश है मेरा, एक हिंदुस्तान है।
कुछ तो ओढ़े हरे लबादा
कुछ तो भगवाधारी हैं,
हम हिन्दू हों या मुस्लिम हों
ये भारत माँ हमारी है।
कहीं भिक्षुओं को भीख है, कहीं साधुओं को दान है,
एक देश है मेरा, एक हिंदुस्तान है।
कहीं मंदिर में चक्कर लगते
दरगाहों पर कहीं मेला है,
विभिन्न रंग से पुष्पित
भारत ये अकेला है।
कहीं गूँजती अर्चना ,कहीं गूँजता अजान है,
एक देश है मेरा एक हिंदुस्तान है।
राह सबकी भिन्न है, पर गंतव्य तो एक है,
सोच कितनी भी अलग हो पर मंतव्य तो एक है।
कहीं टोपी में कान्हा है, कहीं तिलक लगा कलाम है,
एक देश है मेरा एक हिंदुस्तान है।
कहीं कहीं मरुथल है ,कहीं गंगा की धार है
कहीं बसंत की खुशबू है,कहीं गर्मी की मार है
कहीं ऊँचे पर्वत हैं ,कहीं विस्तृत मैदान है ,
एक देश है मेरा एक हिंदुस्तान है।
कहीं इडली डोसे हैं, कहीं छोले की महक है,
कहीं शेर की दहाड़ है, कहीं पक्षियों की चहक है।
इंद्रधनुष से सजा ये एक आसमान है,
एक देश है मेरा एक हिंदुस्तान है।
कहीं बिहू का जश्न है, तो कहीं होली है,
भावना सब एक है पर भिन्न बोली है।
भिन्न0-भिन्न लोकगीत पर एक राष्ट्रगान है,
एक देश है मेरा, एक हिंदुस्तान है।
कहीं लहलहाता गन्ना है, कहीं पर उगता जूट है,
धोती कुर्ता परिधान कहीं का, कहीं पठानी सूट है।
विभेद से विशेष का सजीव प्रतिमान है,
एक देश है मेरा, एक हिंदुस्तान है।
कहीं पर क़ुतुब मीनार है, कहीं संसद की शान है,
कहीं चित्तौड़ की गरिमा है, कहीं ताज का गुमान है।
समरसता, सौहार्द जहाँ का अलिखित विधान है,
एक देश है मेरा, एक हिंदुस्तान है।
कहीं झाँसी की रानी है कहीं शिवा का प्रताप है,
कहीं महान अशोक तो कहीं राणा की थाप है।
सर्वे भवन्तु सुखिनः, जिस देश का ज्ञान है,
एक देश है मेरा, एक हिंदुस्तान है।
कहीं नानक की सीख है, कहीं बुद्ध का निर्वाण है,
कहीं कृष्ण की लीला है, कहीं राम का प्राण है।
कहीं शीत समीर चलती, कहीं शुष्क तूफान है,
एक देश है मेरा, एक हिंदुस्तान है।
कहीं पर आदाब है, कहीं नमस्कार है,
भिन्न आचार से ये देश गुलजार है।
भिन्न है आचार पर, एक स्वाभिमान है,
एक देश है मेरा, एक हिंदुस्तान है।
सीख देते हम सबको, विश्व एक परिवार है,
विश्वगुरु के पद का हम पर ही भार है।
विश्व का मार्गदर्शन, किंचित नहीं आसान है,
एक देश है मेरा, एक हिंदुस्तान है।