उन गलियों की बात करें SONIT BOPCHE
उन गलियों की बात करें
SONIT BOPCHEउन गलियों की बात करें, जो गलियाँ बदनाम हुईं,
कितनी सीमा सलमा जाने, जिनमें हैं गुमनाम हुईं।
उन गलियों की बात करें, जो सुबहो सुनसान हुई,
जिनमें सूरज तब निकला, जब दुनिया में शाम हुई।
उन गलियों की बात करें, जिनने बिकना सीख लिया,
मर्दों की वहसी ख्वाइश के, जैसा दिखना सीख लिया।
उन गलियों की बात करें, जिनमें झूठे दस्तूर नहीं,
जिनकी कोख में बच्चे हैं, और मांगों में सिंदूर नहीं।
उन गलियों की बात करें, जो तारीक दरीचों से,
अक्सर बातें करतीं हैं, हवसी भूखे रीछों से।
उन गलियों की बात करें जो दिन में गाली खाती हैं,
रात को गाली देने वालों, से वापस भर जातीं हैं।
उन गलियों की बात करें, जिनमें जाने की मनाही है,
जो हम आप शरीफों की ही दुनिया की परछाई है।
