दूसरा प्यार Deepak
दूसरा प्यार
Deepakजिसमें जले थे हम कभी,
मैं फिर वही आग लगाकर आया हूँ।
कौन कहता है दिल टूटने के बाद प्यार नही होता,
उनको जाकर बता दो,
मैं फिर किसी से दिल लगाकर आया हूँ।
लोग छुपाते होंगे इश्क़ को,
जमाने वालों से
मैं तो हर एक का हाथ पकड़-पकड़ कर बता कर आया हूँ।
कौन कहता है दिल टूटने के बाद प्यार नही होता,
उनको जाकर बता दो,
मैं फिर किसी से दिल लगाकर आया हूँ।
मैंने संभालकर रखा था
जिसके हर इक खत को,
आज दरिया में उन्हीं खतों को,
बहाकर आया हूँ।
कौन कहता हैं दिल टूटने के बाद प्यार नही होता,
उनको जाकर बता दो,
मैं फिर किसी से दिल लगाकर आया हूँ।
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जिंदगी में कभी न कभी हमें किसी न किसी से प्यार जरूर होता है। कभी वो प्यार हमें मिल जाता है कभी नहीं मिलता तो हम सोचते हैं कि शायद हमारी किस्मत में प्यार है ही नहीं और हम आगे किसी से भी प्यार नही करेंगे, लेकिन वो कहते हैं ना जब जो होना होता है तब वो होकर ही रहता है। मेरी कविता इसी पृष्ठभूमि पर आधारित है, जिसका नाम है दूसरा प्यार।