पति, प्रेमी और परमेश्वर SATISH KUMAR AGARWAL
पति, प्रेमी और परमेश्वर
SATISH KUMAR AGARWALपति, प्रेमी और परमेश्वर,
यह तीनों अलग-अलग
या एक ही इन्सान के तीन नाम हो सकते हैं,
एक इन्सान या तीन लोगों के काम हो सकते हैं,
और यह तय भी तुम्हें ही करना है।
हमारे यहाँ यह तीनों नाम और काम
सिर्फ एक ही इन्सान को सौंपे गए हैं,
पर आज के युग में, इस स्पेशलाइज़ेशन की रौ में,
इसके लिए कम से कम,
तीन लोगों को मुकर्रर किया गया है।
प्रेमी को पति बना पाना,
या फिर पति को प्रेमी भी बना पाना,
और तीनों को एक ही इन्सान में ढूँढ पाना,
यह सिर्फ तुम पर ही निर्भर है।
जबकि प्रेमी सिर्फ प्रेमी है,
पति बाप है, भाई है, और बेटा भी है,
इसके अलावा,
वो समाज़ की इक इकाई भी है।
उसके पति और प्रेमी बनने में,
अगर तुम्हारा पूरा सहयोग होगा,
तभी तुम एक ही इन्सान में,
पति, प्रेमी और परमेश्वर पा पाओगी।
और आज की दुनिया से हटके,
एक नया सदेंश दे पाओगी,
खूब-खाओ, फलो-फूलो और मौज़ करो,
तीनों को एक ही इन्सान में ढूँढ पाओ,
इसी उम्मीद के साथ विदा लेता हूँ।