आकर्षण शशांक दुबे
आकर्षण
शशांक दुबेउम्र के इस मोड़ पर आकर,
दिल अक्सर ऐसा होता है,
सच्चे-झूठे सपनों से मन,
पुलकित-पुलकित होता है।
प्रेम का मतलब कुछ भी न जाने,
दिल फिर भी आपा खोता है,
सच्चे-झूठे सपनों से मन,
पुलकित-पुलकित होता है।
अज़ब नशा है, गज़ब मज़ा है,
दिल चुपके-चुपके रोता है,
सच्चे-झूठे सपनों से मन,
पुलकित-पुलकित होता है।
आकर्षण भी बड़ा अनोखा,
दिल सबका यूँ तो खोता है,
सच्चे-झूठे सपनों से मन
पुलकित-पुलकित होता है।