जोगीरा Rahul Kumar Ranjan
जोगीरा
Rahul Kumar Ranjanमद में मस्त हो, फक़ीरा हो जाएँ,
ले लाओ ढ़ोल और जोगीरा हो जाएँ।
एक स्पंदन सा हो जाए
थोड़ा कंपन सा हो जाए,
तन-मन में भर जाए मस्ती
और हम शकीरा हो जाएँ।
थोड़ी मद में मदिरा हो जाए,
ले लाओ ढ़ोल और जोगीरा हो जाएँ।
खुशियाँ चढ़े रंग संग,
यौवन चढ़े अंग-अंग,
चेहरा हरा-काला-लाल हो जाए,
हम गोपियों के गोपाल हो जाएँ।
निकल पड़ें हम गली-बस्ती,
करते फिरें मटरगस्ती
और कीचड़ में जा जज़ीरा हो जाएँ,
ले लाओ ढ़ोल और जोगीरा हो जाएँ।