साथ अपने बैठ जाता हूँ मैं  Shivam Kumar

साथ अपने बैठ जाता हूँ मैं

Shivam Kumar

साथ अपने बैठ जाता हूँ मैं,
जब कभी टूट जाता हूँ मैं,
साथ अपने बैठ जाता हूँ मैं,
जब कभी छूट जाते हैं अपने पीछे,
तो कुछ देर ठहर जाता हूँ मैं,
साथ अपने बैठ जाता हूँ मैं।
 

जब कभी कुछ हार जाता हूँ मैं,
तो कुछ देर ठहर जाता हूँ मैं,
सब गलतियों को जान जाता हूँ मैं,
जब साथ अपने बैठ जाता हूँ मैं।
 

जब कभी राह भटक जाता हूँ मैं,
तो कुछ देर ठहर जाता हूँ मैं,
राह नई बनाता हूँ मैं,
जब साथ अपने बैठ जाता हूँ मैं।
 

हर लक्ष्य को पा जाता हूँ मैं,
जब साथ अपने बैठ जाता हूँ मैं।

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