मैं कौन हूँ Gaurav Rajput
मैं कौन हूँ
Gaurav Rajputकोई तो बताए मैं हूँ कौन, मेरी हकीकत क्या है,
जिंदगी के हर लम्हों में मेरी जरूरत क्या है।
सुबह की किरन में धूप सेकता कोई लाचार हूँ मैं,
या फिर दुनिया में रौशनी देता कोई प्रकाश हूँ मैं।
बारिश की बूंदों में मिट्टी का ढेर हूँ मैं,
या पर्वत के रास्तों में एक तेज धार हूँ मैं।
पतझड़ की उन हवाओं में कोई रुई खास हूँ मैं,
या दुनिया की हर घटाओं का तूफान हूँ मैं।
कोई तो बताए मैं हूँ कौन, मेरी हकीकत क्या है,
जिंदगी के हर लम्हों में मेरी जरूरत क्या है।
बिखरी हुई किताबों का शब्द मात्र हूँ मैं,
या सम्पूर्ण ज्ञान का एक भंडार हूँ मैं।
राहों में खोया कोई मुसाफिर हूँ मैं,
या बदलते इस युग का निर्माता हूँ मैं।
मंदिर में टंगी घंटी की आवाज हूँ मैं,
या बिजली के कड़कने की गूंज खास हूँ मैं।
कोई तो बताए मैं हूँ कौन, मेरी हकीकत क्या है,
जिंदगी के हर लम्हों में मेरी जरूरत क्या है।
दुनिया में किसी खास का एक इंतजार हूँ मैं,
या फिर लोगों के इंतजार की एक मात्र आस हूँ मैं।
किसी महफिल में गीत का बस एक साज़ हूँ मैं,
या प्रकृति के हर रंग का एक राग हूँ मैं।
इस नश्वर शरीर का एक स्वामी मात्र हूँ मैं,
या जीवन के आत्म रूप का एक वरदान हूँ मैं।
कोई तो बताये मैं हूँ कौन, मेरी हकीकत क्या हैं।
जिंदगी के हर लम्हों मे मेरी जरूरत क्या हैं।।