ये पूछा मत करो Ravi Panwar
ये पूछा मत करो
Ravi Panwarमुझसे होता न बयाँ, ये पूछा मत करो,
राज दिल में है क्या, ये पूछा मत करो।
रात बनके हवा छू लिया था तुम्हें,
ख्वाब था या हक़ीक़त, ये पूछा मत करो।
देखा तुमको तो ये परेशान हो उठी,
इन आँखों की गुफ्तगू, ये पूछा मत करो।
जब नहीं आए तुम हिचकिया आ गई,
पर आई कितनी दफा, ये पूछा मत करो।
जब जानते हो कहेंगे हम "सुभानअल्लाह",
कैसे दिखते हो तुम, ये पूछा मत करो।
तहजीब इतनी कि मुकर जाते हैं हम,
क्या प्यार है हमसे, ये पूछा मत करो।
चल दिया उठ कर कहाँ ये पूछा तो करो,
कर दूंगा मना कि, ये पूछा मत करो।
मैं तो मिर्ज़ा था सिर्फ तेरा रहनुमा,
क्यों ग़ालिब बन गया, ये पूछा मत करो।