ज़िन्दगी से उधार  Puneet Kumar

ज़िन्दगी से उधार

Puneet Kumar

ऐतबार कर लिया इंतज़ार कर लिया
आँसुओं से भी हमने कुछ उधार कर लिया।
 

दिल तो तूने लिया दर्द मुझको दिया,
दर्द- ऐ-दिल का भी तूने कारोबार कर लिया,
ऐतबार कर लिया इंतज़ार कर लिया
आँसुओं से भी हमने कुछ उधार कर लिया।
 

याद करता हूँ मैं आँहें भरता हूँ मैं,
सारे ख्वाबों को तूने तार-तार कर दिया,
ऐतबार कर लिया इंतज़ार कर लिया
आँसुओं से भी हमने कुछ उधार कर लिया।
 

सब सहते हैं हम दूर रहते हैं हम,
मेरे ज़ख्मों से तो तूने श्रृंगार कर लिया,
ऐतबार कर लिया इंतज़ार कर लिया
आँसुओं से भी हमने कुछ उधार कर लिया।
 

मौत आती नहीं जान जाती नहीं,
ज़िन्दगी को ही हमने कर्ज़दार कर लिया,
ऐतबार कर लिया इंतज़ार कर लिया
आँसुओं से भी हमने कुछ उधार कर लिया।

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