ज़रूरत है JASPAL SINGH
ज़रूरत है
JASPAL SINGHमैं सबको यह बार-बार कह देना चाहता हूँ,
हर अख़बार में ये इश्तेहार दे देना चाहता हूँ,
मुझे एक ऐसे हमख्याल की ज़रुरत है,
जो दिल से मिल जाए उस सुर ताल की जरूरत है।
जो खामोश रहते हुए भी दिल की हर बात समझे,
जो बोलने से पहले ही मेरे ख़यालात समझे,
जिसके होने से जीने का जनून सा आए,
जिसको मिलते ही दिल को सुकून सा आए,
एक ऐसे ही हमख्याल की ज़रुरत है।
जो अजनबी होते हुए भी बहुत अज़ीज़ सा लगे,
जो दूर होते हुए भी बहुत करीब सा लगे,
जिसको देखते ही एक खुशी का एहसास हो,
जिसको सोचते ही लगे जैसे बहुत पास हो,
एक ऐसे ही हमख्याल की ज़रुरत है।
जो बिना वजह ही मेरी हर खुशी की राज़ हो,
जो बिना कहे ही मेरी हर बात का जवाब हो,
जिसकी आवाज़ से कानों में शहद सा घुल जाए,
जिसकी मुस्कान से सब तरफ फूल से खिल जाएँ,
एक ऐसे ही हमख्याल की ज़रुरत है।
वो यार से कुछ ऊपर हो और दिलदार से कुछ नीचे हो,
वो दोस्त से कुछ ऊपर और प्यार से कुछ नीचे हो,
जिसके आने का इंतज़ार हो और जाने का मलाल हो,
जिसको देखने भर से दिल का हर कोना मालामाल हो,
एक ऐसे ही हमख्याल की ज़रुरत है।
ज़रूरी नहीं कि वो सदा मेरे साथ रहे,
पर ज़रूरी है कि वो सदा मेरे साथ चले,
ज़रूरी नहीं कि हाथों में उसका हाथ रहे,
पर ज़रूरी है कि हर कदम मेरे साथ रहे,
ज़रूरी नहीं कि वो मुझसे कभी दूर ना हो,
पर ज़रूरी है कि वो दिल से कभी दूर ना हो,
एक ऐसे ही हमख्याल की ज़रुरत है।