माँ RATNA PANDEY
माँ
RATNA PANDEYतुझसे मिले संस्कारों से माँ
गौरव जैसा लगता है,
कहीं भी जाती हूँ तो माँ
सर ऊंचा सा लगता है।
बचपन का तेरा आँचल माँ
मुझे बहुत याद आता है,
सर पे हाथ जो रख देती है
मेरा दिल बच्चा बन जाता है।
कौन कहता है कि बचपन
लौटकर नहीं आता है,
जब भी माँ मिल जाती है
मेरा बचपन वापस आ जाता है।