मेरा भारत  ABHISHEK KUMAR GUPTA

मेरा भारत

ABHISHEK KUMAR GUPTA

सब देशों में भारत अपना
आगे सदा रहा था,
आगे सदा रहा है,
और आगे सदा रहेगा।
 

शून्य दे कर हमने गणना सबको सिखलाई,
संवेदना है छिपी पौधों मे सबको बात बताई,
और सनातन धर्म हमारा
अमर सदा ही रहा था,
अमर सदा ही रहा है,
और अमर सदा ही रहेगा।
 

सब देशों में भारत अपना
आगे सदा रहा था,
आगे सदा रहा है,
और आगे सदा रहेगा।
 

अमन, शांति का परचम हमने जग में लहराया,
ऊँच-नीच का भेद भुलाकर सबको गले लगाया,
लाखों संकट सह करके भी
हम ना कभी डरे थे,
हम ना कभी डरे हैं,
और हम ना कभी डरेंगे।
 

सब देशों में भारत अपना
आगे सदा रहा था,
आगे सदा रहा है,
और आगे सदा रहेगा।
 

वीर शहीदों की ये भूमि ऋषि मुनियों की धरती,
पतित पावनी हर-हर गंगे सबको निर्मल करती,
और हिमालय प्रहरी बनकर
कल भी सजग रहा था,
अब भी सजग रहा है,
और कल भी सजग रहेगा।
 

सब देशों में भारत अपना
आगे सदा रहा था,
आगे सदा रहा है,
और आगे सदा रहेगा।

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