मेरा भारत VIVEK ROUSHAN
मेरा भारत
VIVEK ROUSHANएक है भारत
एक हैं लोग,
सपने अनेक हैं
रास्ते एक हैं,
धर्म अनेक हैं
इंसान एक है,
क्या हिन्दू,
क्या मुसलमान,
सबकी रगों में दौड़ता
खून एक सामान।
याद करो उन बलिदानों को,
अपने वीर-जवानों को,
जिन्होंने अपना खून दिया,
अपने जीवन-प्राण दिए,
मन दिया,
तन दिया,
सबने अपने-अपने खोए,
सबकुछ खोकर जिन्होंने,
हमको एक नया जीवनदान दिया,
अपना मान-सम्मान दिया,
सिर उठाकर जीने का,
हमको एक अभिमान दिया।
बस एक चीज़ नहीं दिया,
ना हिन्दू दिया,
ना मुसलमान दिया,
बस एक भारत महान दिया
बस एक भारत महान दिया।