दुआएँ Yogeogendra Raj Sharma
दुआएँ
Yogeogendra Raj Sharmaसुना है तेरी शादी है अभी बाईस जुलाई को,
मैं लड़की वाला हूँ विश तो करूँगा 'वर' जमाई को,
सभी दिल की दुआएँ लिख रहा हूँ ध्यान से पढ़ना,
अभी तक था ये दिल मोहताज़ तेरी पाई-पाई को।
नहीं लिख पाऊँगा बुरा कलम ये कायदे में है,
तुझे दूँगा दुआएँ ही ये मेरे वायदे में है,
मोबाइल हो या बीवी आधुनिक आते ही रहते हैं,
जो जितना सब्र कर लेगा वो उतना फायदे में है।
दुआ है इस जुलाई में बदलियाँ जम के बरसें और
रोहिणी तप्त हो इतनी दरारें औऱ बढ़ जाएँ,
प्रमुख आगंतुकों का भोज पर उपवास आए और
बचे लोगों के भोजन में मसाले उड़ के घुल जाएँ।
दुआ है दिल बँधे तेरा न मंगलसूत्र ही खोए,
न तो दिन में उबासी ले न कोई रात में सोए,
दुआ है सारी रस्में हो मुताबिक़ सोच के तेरी,
जो होनी गलतियाँ सारी, निमंत्रण पत्र में हो।
दुआ है ज़िन्दगी हो खुशनुमा हर ख्वाब सच हो,
तेरी किस्मत में हो फ़सलें बिना हाँके बिना बोए,
दुआ है तू न रोए एक भी आँसू जुदाई पे,
तुझे ले जाने वाला तुझको सारी उम्र भर रोए।
दुआ है तेरी शादी में हो अब्दुल्ला ही दीवाना,
कहें सब कि बराबर है वहाँ जाना, नहीं जाना,
विदा होते ही जब तुझको बिठाए 'टाटा नैनो' में,
वो गाड़ी खुद कहे डोली को चलने में है हिचकाना।
दुआ है कन्त हो छंटवा अपेक्षित जो ना हो पाए,
मेरी तू ना हुई जैसे वो भी तेरा ना हो पाए,
तेरी शादी में बरसे बादलों के झुण्ड भी लेकिन,
तेरे यौवन की गर्मी का उचित सावन ना हो पाए।
दुआ है सास 'मम्मी' सी मिले सब लोग अच्छे हों,
कोई ना राज़ रख पाए सभी कानों के कच्चे हों,
भले घर में गरीबी हो भयंकर सी मगर तेरा,
कभी ना पेट हो खाली तेरे दस-बीस बच्चे हों।