सफलता SUBRATA SENGUPTA
सफलता
SUBRATA SENGUPTAजब तक भय के हल से जीवन के खेत जोतोगे,
चिंता के बीज उसमें बोओगे,
निराशा के बीज उसमें सींचोगे,
तो ख़ुशी के फसल कहाँ से काटोगे?
जब तक लगन और परिश्रम के स्वेद से वंचित रहोगे,
आस्था की दृढ़ता से दूर रहोगे,
तो जीवन में सदैव निराधार ही रहोगे।
जब तक अहंकार के वाहन से सफर करोगे,
भ्रष्टाचारी साथिओं के साथ अपनी रोटी सेकोगे,
तो सफलता की फसल कहाँ से काटोगे?
सदियों से सुनते आए हैं,
जो जैसा बोता है, वह वैसा ही काटता है,
फिर भी इन्सान यही पथ दोहराता है,
सफलता की आतुरता से लघुपथ अपनाता है।
सही मायने में यदि सफलता चाहते हो,
लगन और परिश्रम के स्वेद से वंचित न रहो,
आस्था की दृढ़ता से नाता जोड़ो,
आशा के वाहन से उड़ान भरो,
अहंकार और भ्रष्टाचार से नाता तोड़ो।
विचारों से मज़बूत बनेंगे,
ज्ञान-विज्ञान के पथ खुलेंगे,
भय और चिंता अब न सताएगी,
सफलता अपने आप ही द्वार पर दस्तक देगी,
चारों ओर शांति और सफलता का वातावरण बनेगा।