उसे हिन्दुस्तान कहते हैं  B Seshadri "Anand"

उसे हिन्दुस्तान कहते हैं

B Seshadri "Anand"

जहाँ हिन्दू मिले जहाँ पर मुसलमान मिले उसे हिंदुस्तान कहते हैं,
जहाँ हर मज़हब को एक सा सम्मान मिले उसे हिंदुस्तान कहते हैं।
 

कह दो उससे जाकर जहाँ में हमारे मुल्क से अच्छा कोई मुल्क नहीं,
जहाँ गुरुग्रंथ, बाईबल, गीता और कुरान मिले उसे हिंदुस्तान कहते हैं।
 

जिसने सदियों से संजोऐ रखा है इन मोतियों को एकता के धागे में,
जहाँ आँगनों में तुलसी, घरों में रहमान मिले उसे हिंदुस्तान कहते हैं।
 

हमारा वतन हमको जान से प्यारा है यही बस हमारे जीने का सहारा है,
जहाँ मंदिरों में घंटियाँ, मस्जिदों में अजान मिले उसे हिंदुस्तान कहते हैं।
 

हो जाएगी बेकार ये सब कोशिशें तुम्हारी हमको आपस में लड़वाने की,
जहाँ एक दूजे के लिए हथेलियों पर जान मिले उसे हिंदुस्तान कहते हैं।
 

आखिर क्यों ना हो ग़ुमान हमको खुद पर अपने हिंदुस्तानी होने का,
जहाँ भाईचारा, जहाँ अमन ओ अमान मिले उसे हिंदुस्तान कहते हैं।
 

सिर्फ और सिर्फ वतन परस्ती यही हमारा धर्म, है यही हमारा कर्म है,
जहाँ दिलों की हर धड़कन में हिंदुस्तान मिले उसे हिंदुस्तान कहते हैं।
 

इस मिट्टी का दाना पानी बनके ज़िन्दगी रगों में हमारी दौड़ रही है "आनंद",
जहाँ हर क़तरा खून का अपने वतन पे कुर्बान मिले उसे हिंदुस्तान कहते हैं।

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