धन्य हैं वह आँखें RATNA PANDEY
धन्य हैं वह आँखें
RATNA PANDEYधन्य हैं वह आँखें जो
सरहद की रक्षा करती हैं,
जागकर सारी रात उन
राहों को तकती हैं,
ताकती आँखें उनकी
लक्ष्य दुश्मन पर रखती हैं,
नहीं चूकती आँखें कभी
दुश्मन पर वार करती हैं,
धन्य हैं वह आँखें जो
देश की रक्षा करती हैं।
मातृभूमि के लिए जिन
आँखों में प्यार भरा होता है,
नज़र गड़ाए जो दुश्मन कोई
आँखों में ख़ून उतर आता है,
साथी घायल हो जाए कोई
आँखों से नीर बरस जाता है,
चोटिल हो जाए शरीर स्वयं का
आँखों से वीर रस निकल आता है,
धन्य हैं वह आँखें जो बंद होने तक
देश के लिए लड़ती हैं,
देशवासियों की रक्षा करती हैं।