कारगिल हमारा था, है और रहेगा RATNA PANDEY
कारगिल हमारा था, है और रहेगा
RATNA PANDEYकारगिल की ऊँची पहाड़ी पर
कुछ रक्त अभी भी दिखता है,
कुछ याद अभी भी आती है
कुछ दर्द अभी भी होता है।
नहीं था आभास शत्रु को
कि अन्जाम यह होगा,
फतह करने आए हैं जहाँ
वहीं ज़िंदगी का अंत होगा।
धवस्त कर दिए हौसले
जो दिल में सजाये होंगे,
कारगिल का सपना क्यों देख लिया
पछता रहे होंगे।
सिखा दिया सबक दुश्मनों को
देश के वीर जवानों ने,
बहा दिया रक्त कारगिल
के पहाड़ों में।
ऐसा किया वार छठी का
दूध याद दिला दिया,
फिर कभी मुड़ कर ना देखें
सर नीचे उनका झुका दिया।
फख्र है उन वीर जवानों पर
जिनने रक्त अपना बहा दिया,
फतह हासिल कर कारगिल
को दुश्मन से आज़ाद किया।
गिराकर दुश्मन के झंडे को
तिरंगा पुनः फहरा दिया,
और कारगिल को
पुनः अपना बना लिया।
अमर हो गए जो जीत कारगिल
उन वीरों का सम्मान करो,
देकर ख़ुशियाँ उनके परिवारों को
उनका कर्ज़ चुकाने का आगाज़ करो।