आया सावन का त्यौहार RATNA PANDEY
आया सावन का त्यौहार
RATNA PANDEYख़त्म हुआ इंतज़ार आया सावन का त्यौहार,
वृक्षों को संगी साथी मिल गए,
झूले टहनियों पर लटक गए,
झूम उठे बचपन वृक्ष रौनक से भर गए,
आसमान पर बादलों के मेले जैसे लग गए,
उमड़ घुमड़ करते बादल कितनी आकृति मढ़ गए,
आई ख़ुशियों की बौछार आया सावन का त्यौहार।
लहलहाती धरती भी ख़ुशहाल है,
हरित तृणों की नोकों से भरा लिबास है,
धरती बादल के मिलन का समा बेमिसाल है,
ऐसे रमणीय मौसम में हर तरफ आई बहार है,
हो रही रिमझिम फुहार है,
ख़त्म हुआ इंतज़ार है, आया सावन का त्यौहार है।
प्रेमियों के लिए हुआ मौसम ख़ुशगवार है,
शंकर पार्वती के पूजन का चढ़ा ख़ुमार है,
भक्ति का माहौल है श्रृंगार का दौर है,
सावन का महीना है हर मन में नाचे चितचोर है,
ख़ुशियों का दौर है पंख फैलाकर नाचे मोर है,
ख़त्म हुआ इंतज़ार है, आया सावन का त्यौहार है।
कोई कनखियों से झाँके कोई बारिश में नाचे,
कोई छज्जे से ले रहा बारिश का आनन्द है,
गरीबों की कुटिया के नन्हें सुकुमारों ने,
किया नहीं फव्वारे में कभी स्नान है,
बारिश के फव्वारों में नहाते नादान हैं,
आई ख़ुशियों की बहार है, हो रही रिमझिम फुहार है,
ख़त्म हुआ इंतज़ार है, आया सावन का त्यौहार है।