ख़बर बन गई शशांक दुबे
ख़बर बन गई
शशांक दुबेदबी आँख उनकी ख़बर बन गई,
गले पड़ने लगे तो ख़बर बन गई,
अविश्वासों पर विश्वास होता दिखा,
उनकी जगहँसाई ख़बर बन गई।
महंगे सूटों पर यारों ख़बर बन गई,
उनके बूटों पर देखो ख़बर बन गई,
हल्की सर्दी हाँ एक बार उनको लगी,
उनकी छींको पर देखो ख़बर बन गई।
वो शहादत जवां की ख़बर बन गई,
खुदख़ुशी एक किसां की ख़बर बन गई,
नन्हीं तितली के पंखों को नोचा था जो,
वह अख़बारों की बस ख़बर बन गई।