अंगदान  RATNA PANDEY

अंगदान

RATNA PANDEY

आते थे उद्गार हृदय में
अपाहिजों को देख के बारम्बार,
भगवान ने हमें सम्पूर्ण बनाया
यह है हम पर उनका उपकार।
 

कर लिया उपयोग हमने
अपने अंग प्रत्यंग का,
जब आई दुनिया से जाने की बारी
तब क्यों ना नेक काम करें,
जिन्हें भगवान देना भूल गए या
जीवन में जिनके चलते-चलते ही रुक गए,
उन्हें अपने अंग प्रदान करें।
 

जलाने से राख या
दफ़नाने से मिट्टी बन जाएगा,
किंतु दान करेंगे अंग यदि
किसी का जीवन संवर जाएगा।
 

हमारे जाने के बाद भी
हमारा अंग किसी के काम आएगा,
और किसी परिवार को
अमूल्य तोहफा दे जाएगा।
 

ना डरो कि अगले जन्म में
हमारा क्या होगा,
दान करेंगे अंग अगर तो
अंगहीन पैदा होंगे,
इसलिए ऐसी मनःस्थिति को
पूर्ण विराम करो,
और सारे अंगों का दान करो।
 

भगवान फिर क्या ही कर पाएगा,
फिर से पूरा बनाने पर विवश हो जाएगा,
और देख तुम्हारी उदारता
वह भी खुश हो जाएगा,
अपने बनाए ऐसे इंसानों पर
वह भी गर्व कर पाएगा।

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