देश के युवा RAHUL Chaudhary
देश के युवा
RAHUL Chaudharyहे! जाग युवा नवभारत के,
शुरुआत है तू निर्माण की,
देश के ललकार की,
हुंकार के सम्मान की,
प्रमाण है अभिमान का,
शुरूआत है निर्माण की।
उठो-उठो इन हथेलियों में लकीरें कुछ बनी हुई,
आश के कुछ निराश के सारांश कोई लिए हुई,
उजली चमक कहीं लिए हुए आभाओं का मंडल।
मातृ-पितृ का स्नेह लिए गुरुजनों के छाया में,
सखा बंधु का साथ लेकर,
घायल कर दे हर प्रस्तर मार्ग तू प्रशस्त करे।
वीर धरा के वीर युवा
जान लो ये मान लो,
स्वयं को अब पहचान लो।
हर पुष्प का आधार हमसे है
युवा हैं हम !
हर देश का निर्माण हमसे है।
हे! जाग युवा नवभारत के,
शुरूआत है तू निर्माण की।
अंधेरों से निकलकर रोशनी का सकारात्मक ओज ले कर,
हम राही हैं इस जीवन पथ के
खुले आसमान के विहग अनोखे।
बाधाओं के पार भी हम पैठ बना लेते हैं,
हम युवा हैं!
पर्वतों से मुश्किलों में भी मार्ग बना लेते हैं,
मौसम हो कोई आगाज़ उनका हमसे है ,
युवा हैं हम !
हर देश का निर्माण हमसे है।
हे ! वीर धरा के वीर युवा
जान लो ये मान लो,
स्वयं को अब पहचान लो।
युवा हैं हम!
शुरूआत हैं निर्माण की,
गुणगान है सम्मान की,
सारांश है अभिमान की।
हे! जाग युवा नवभारत के,
शुरुआत है तू निर्माण की ।
आओ ये प्रण लें ये ठान लें,
भारत के निर्माण में उत्थान करें,
उत्थान करें......!!