एक तमन्ना  JASPAL SINGH

एक तमन्ना

JASPAL SINGH

उनसे कुछ बात करूँ एक तमन्ना सी हुई,
मैं मुलाकात करूँ एक तमन्ना सी हुई।
 

दिल धड़कने के लिए है या तड़पने के लिए
उनसे सवालात करूँ एक तमन्ना सी हुई।
 

गम के बादल हैं घने फिर भी क्यों सूखी आँखें,
इनसे बरसात करूँ एक तमन्ना सी हुई।
 

मेरी गहरी है लगन या उनका इनकार बड़ा,
ये मालुमात करूँ एक तमन्ना सी हुई।
 

वो तो अंजाम थे मैं भी ना उन्हें जान सका,
आज शुरूआत करूँ एक तमन्ना सी हुई।
 

मैं भी हँसता रहूँ वो भी ना कभी रो पाएँ,
ऐसे हालात करूँ एक तमन्ना सी हुई।

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