वफ़ा ए दोस्ती Ravi Panwar
वफ़ा ए दोस्ती
Ravi Panwarअपना नहीं है, फिर भी क्यों मजाल करता है,
मुझसे ज्यादा मेरा वो ख्याल करता है।
इंसान हूँ गलतियों का शौक है मुझे,
इस शौक पर कभी नहीं मलाल करता है।
कुछ भी नहीं लिखा था मेरी किताब में,
हर लफ्ज़ पढ़ लिया, क्या कमाल करता है।
हो गई थी मोहतरम जो इश्क में मेरे,
उन मुश्किलों का वो बुरा हाल करता है।
रूठना मनाना तो है प्यार का शगुन,
हर दोस्ती को ये बेमिसाल करता है।
खुदा का तोहफा है "वफ़ा ए दोस्ती",
मैं पूछता नहीं, न वो सवाल करता है।