वो लड़की  Pushpendra Singh Bhadauriya

वो लड़की

Pushpendra Singh Bhadauriya

इक मनचले की अबसार में आ गई वो लड़की,
अगले ही दिन अख़बार में आ गई वो लड़की।
 

जिसे कोख़ में मार डालना चाहता था वो शख़्स,
नूर बन के इस संसार में आ गई वो लड़की।
 

इश्क़ के बदले उसको अपना जिस्म दे बैठी,
झूठ फ़रेब के व्यापार में आ गई वो लड़की।
 

बस नौकरी ख़ातिर अपनों से मदद माँगी थी,
देखो दिल्ली जीबी बाज़ार में आ गई वो लड़की ।

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