पहली मुलाक़ात Tilak raj saxena
पहली मुलाक़ात
Tilak raj saxenaबेताब धड़कते दो दिल
वो पहली बार मिल रहे थे,
होठों पे थरथराहट थी
बहुत कुछ एक दूजे से कहने की,
मन में एक चाहत थी,
वो पहली बार मिल रहे थे।
आमने सामने बैठ इक दूजे से
ख़ामोशी से नज़रें
कभी मिलाते कभी झुकाते,
कभी मुस्कुराते कभी सकुचाते,
दिलों की धड़कनें सुन रहे थे,
वो पहली बार मिल रहे थे।
एक मधुर एहसास था,
दिलों में बहुत उल्लास था,
प्यार कैसे हो मुखर एक दूजे से
दोनों ये हौंसला संजो रहे थे,
वो पहली बार मिल रहे थे।