धन के लोलुप  Rajender कुमार Chauhan

धन के लोलुप

Rajender कुमार Chauhan

दहेज़ लेना ही नहीं देना भी बुरा है,
खोटा सिक्का ये दिखने में ख़रा है!
 

ये लत तो शराब़ से ज्याद़ा घातक है,
कहने को सुमन, सच्च में ये सुरा है!
 

सुरा तो मात्र स्वयं का नाश करती है,
ये प्रथा समाज का विनाश करती है!
 

ये आग़ बेटी को जला कर मारती है,
गर्भ में भ्रूण का सर्वनाश करती है!
 

वो मासूम चेहरा जन्म से पहले मरा है,
दहेज़ लेना ही नहीं देना भी बुरा है!
 

आओ क़दम उठाएँ, बेटी को हक़ दिलाएँ,
धन के लोभी लोगों को ये सबक़ सिखाएँ!
 

दुनिया में सबसे बड़ा दहेज़ तो दुल्हन है,
आज से ही दहेज़ ना लेने की कसम खाएँ!
 

मुफ़्त के माल से क्या कभी पेट भरा है?
दहेज़ लेना ही नहीं देना भी बुरा है!

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